्रिस्टलीय ठोस के लिए असत्य कथन है-
े वास्तविक ठोस होते है
ीतलन वक्र सतत होता है
नका गलनांक निश्चित होता है
नकी ज्यामिति निश्चित होती है
ोस A एक अति कठोर, ठोस तथा गलित अवस्था में विद्युतरोधी है और बहुत उच्च ताप पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है -
ण्विक
यनिक
ात्विक
हसंयोजक
ह पदार्थ जिसका (O)K पर शून्य प्रतिरोध होता है-
ुचालक
तिसुचालक
ुचालक
र्द्धचालक
ोलर सेल में उपयोग किए जाने वाले पदार्थ में होता है -
Ce
Si
Sn
Ti
ारा का प्रतिरोध शून्य हो जाता है -
4K पर
10K पर
20K पर
25K पर
ुद्ध सिलिकॉन को फास्फोरस से डोपिंग करने से-
ात्विक चालक
ुचालक
N - प्रकार का अर्द्धचालक
P - प्रकार का अर्द्धचालक
िम्नलिखित विशमदैशिकता दर्शाता है-
ांच
ेरियम क्लोराइड
कड़ी
ेपर
्रिस्टल जालक में प्रति परमाणु चतुष्फलक रिक्तिकाओं की संख्या होती है:
1
2
3
4
CsCl के लिए r+/r- = 0.93 है तो इसकी संभावित संरचना है -
ेट्राहेड्रल
्क्वायर प्लेनर
क्टाहेड्रल
Bcc
र्वाधिक क्लोज पैकिंग किस क्रिस्टलीय जालक रचना में होती है -
रल घनीय
लक केन्द्रित
न्तः केन्द्रित
परोक्त सभी
बसे अधिक परासरण दाब निम्न के 10% जलीय विलयन का है-
्लूकोज
ूरिया
ुक्रोस
ोटैशियम सल्फेट
मान ताप पर किन विलयनों के युग्म समपरासारी है
0.1MNaCl तथा 0.1MNa2SO4
0.1M यूरिया तथा 0.1MNaCl
0.1M यूरिया तथा 0.2MMgCl2
0.1M Ca(NO3)2 तथा 0.1M Na2SO4
िम्नलिखित में से किसका परासरण दाब सर्वाधिक होगा-
1MNaCl
1MBaCl2
1M (NH4)3PO4
1MNa2SO4
िमांक का अवनमन सीधा समानुपात दर्शाता है-
िलयन का मोल अंश
िलयन की मोलरता
िलयन की मोललता
िलायक की मोललता
रासरण दाब ज्ञात करने की सबसे अच्छी विधि है-
Morse तथा Frazer विधि
Pfeffer fafa
Berkeley तथा Hartely विधि
नमें कोई नहीं
ेनरी स्थिरांक (K) का मान
ाप बढ़ने से बढ़ता है
ाप बढ़ने से घटता है
्थिर रहता है
हले बढ़ता है, फिर घटता है
्थिरक्वाथी विलयन में समान होता है -
्वथनांक
रासरण दाब
ोललता
ंघटन
क बीकर में पदार्थ "A" का विलयन रखा है। इनमें "A" की थोड़ी सी मात्रा मिलाने से पदार्थ अवक्षेपित हो जाता है। यह विलयन है-
ंतृप्त
संतृप्त
तिसंतृप्त
ान्द्र
LiCl, NaCl और KCI के विलयन का अनंत तनुता पर समतुल्यांक सुचालकता का सही क्रम है
LiCl > NaCl > KCl
KCI > NaCl > LiCl
NaCl > KCI > LiCl
LiCl > KCl > NaCl
ैल्वेनिक सेल के आंतरिक सर्किट में क्या प्रवाहित होता है ?
यन
लेक्ट्रॉन
रमाणु
िजली
ह उपकरण जो स्वतः रेडॉक्स अभिक्रिया की रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है
ैल्वेनिक सेल
ेनियल सेल
लेक्ट्रोलाइटिक सेल
ैल्वेनिक और डेनियल सेल दोनों/(A) और (B) दोनों
ुष्क सेल मे इलेक्ट्रोलाइट होता है
ोटैशियम हाइड्रॉक्साइड
ल्फ्युरिक एसिड
मोनियम क्लोराइड
ैंगनीज डाइऑक्साइड
स सेल का नाम जो इलेक्ट्रोकेमिकल सेल परिवार का सदस्य नहीं है
ोल्टाइक सेल
लेक्ट्रोलाइटिक सेल
ोटोवोल्टाइक सेल
ंधन सेल
लेक्ट्रोकेमिकल सेल निम्नलिखित नियमों में से किस का पालन करती है
ेल पोटेन्शियल एक व्यापक विशेषता है
ेल पोटेनियेल एक महत्वपूर्ण स्वतंत्र विशेषता है
लेक्ट्रोकेमिकल सेल के लिए गिब्स की मुक्त ऊर्जा अनिश्चित है
लेक्ट्रोकेमिकल सेल के लिए गिब्स की मुक्त ऊर्जा गहन विशेषता है
ंदर्भ इलेक्ट्रोड के लिए प्रयुक्त पदार्थ है
CuSO4
ZnCl2
NaCl
Hg2Cl2
ैराडे के इलेक्ट्रोलिसिस के नियम किससे सम्बन्धित है?
नायन की परमाणु संख्या
नायन की परमाणु संख्या
नायन की गति
लेक्ट्रोलाइट का समतुल्य भार
लेक्ट्रोप्लेटिंग में इलेक्ट्रोप्लेट किया जाने वाला पदार्थ को क्या बनाया जाता है?
ैथोड
नोड
ा तो कैथोड या एनोड
लेक्ट्रोलाइटिक गोल में निलंबित
ब NaBr के जलीय पोल को अक्रिय इलेक्ट्रोड का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइज्ड किया जाता है तो कौन-से उत्पाद बनते है?
Na एवं Br2
Na एवं 02
H2 एवं 02
NaOH, H2 एवं Br2
भिक्रिया A + 2B → उत्पाद के लिए वेग नियम समीकरण R = k[A]½[B]² द्वारा व्यक्त किया जाता है, तो अभिक्रिया की कोटि है-
2
3/2
5/2
6
ून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग नियतांक का मात्रक है-
L s-¹
L mol-¹ s-¹
Mol L-¹ s-¹
Mol s-¹
िस कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग तथा वेग स्थिरांक की इकाई समान होती है?
ून्य
्रथम
्वितीय
ृतीय
्रथम कोटि की अभिक्रिया के वेग नियतांक का मात्रक है
Mol L-¹ s-¹
L mol-¹ s-¹
S-¹
Mol L-¹
िसी रासायनिक अभिक्रिया की दर
मय के साथ बढ़ती है
मय के साथ घटती है
मय के साथ घट या बढ़ सकती है
मय के साथ स्थिर रहती है
िसी वस्तु के प्रतिक्रिया करने का दर निर्भर करता है-
रमाणु भार
मतुल्य भार
णु भार
क्रिय भार
ासायनिक गतिकी के नियमानुसार, एक रसायनिक अभिक्रिया का वेग समानुपाती है-
भिक्रियकों की सांद्रता
ोलर सांद्रता अभिक्रियकों का
त्पादकों की सांद्रता
त्पादकों की मोलर सांद्रता
िम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
भिक्रिया की दर समय व्यतीत होने के साथ कम होती जाती है, क्योंकि अभिक्रियकों की सांद्रता कम होने लगती है
भिक्रिया की दर अभिक्रिया के दौरान हर समय एक ही रहती है
भिक्रिया की दर ताप परिवर्तन पर निर्भर नहीं करती
भिक्रियकों की सांद्रता बढाने से अभिक्रिया की दर कम हो जाती है
ेग समीकरण, वेग = k[A]xB]y के लिए अभिक्रिया की कोटि है-
X + y
X - y
X
Y
क शून्य कोटि की अभिक्रिया A + B → C के लिए दर है
र = K[A]⁰[B]⁰
र = K[A]¹[B]⁰
र = K[A]¹[B]¹
नमें से कोई नहीं
ंगस्टन के पृष्ठ पर NH3 का विघटन किस कोटि की अभिक्रिया है-
ून्य
्रथम
्वितीयक
िन्नात्मक
भिक्रिया 2FeCl3 + SnCl2 → 2FeCl2 + SnCl4 उदाहरण है
्रथम कोटि की अभिक्रिया का
्वितीय कोटि की अभिक्रिया का
ृतीय कोटि की अभिक्रिया का
नमें से कोई नहीं
N वें कोटि की अभिक्रिया के लिए अभिकारक को आधा विघटित होने में लगा समय व्युत्क्रमानुपाती होता है-
A n+¹
A n-¹
A n-²
A n
िस कोटि की अभिक्रिया के लिए अर्द्धायु प्रारंभिक सांद्रता पर निर्भर नहीं करता?
ून्य कोटि
्रथम कोटि
्वितीय कोटि
ृतीयकोटि
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